घेरा... गढ्विळ कथा संग्रै लिख्वार- # मनोज भट्ट ‘‘गढ़विळ’’ #घेरा कऽ लब्यता उफन से पैलि मि आप थैं यीं पोथी अन्वार बिंगाणु छौं. य अन्वार बणयीं च चित्रकार #कुंवर रवीन्द्र जी कि. ब्वा क्य बुन कुंवर …
क्या करें............? पावन गणतंत्र दिवस पर मेरे मन का प्रश्न मुझसे..... गण का तंत्र चलना चाहिये तो था मगर, भीड़ का तंत्र चलने लग गया तो क्या करें? देश के लिये जो कानून जरूरी है बहुत, उसी पर…
किसे कह रहे साल नवल...... भारत माँ कहती है बेटा, किसे कह रहे साल नवल। लहर शीत की थमी नहीं है, गगन नहीं है अभी धवल ।। दिनकर का भी नहीं हुआ है, उत्तर दिग…
दुर्गम तीर्थ स्थल यमुनोत्री भारत के उत्तराखंड में यमुनोत्री गंगोत्री बद्रीनाथ व केदारनाथ की यात्रा बड़ी सुखद है। पुराण शास्त्रों में इन पवित्र तीर्थों के बारे में व्यापक महत्व-चर्चा है।…
प्राकृतिक सुंदरता के साथ धार्मिक आस्था का केंद्र अमरकंटक पर्यटन की दृष्टि से भारत वर्ष अत्यंत समृद्धि राष्ट्र है। एक और यहां ऐसे स्थल हैं जहां प्रकृति ने अपनी खूबसूरती बिखेरने में कोई कंजूस…
आज बात यमकेश्वर की ... यम्केश्वर में रामलीला इतिहास विदों के अनुसार रामलीला मंचन की शुरुआत सोलवीं सदी में हुई तथा 18वीं सदी के मध्य काल तक रामलीला उत्तराखंड पहुंच चुकी थी कहते हैं कि प…
पुस्तक का नाम: कुमाऊं के सम्राट (पहला भाग) लेखक: चिन्तामणि पालीवाल प्रकाशक: कुमाऊं साहित्य सदन, दिल्ली प्रकाशन वर्ष: 1986 (द्वितीय संस्करण) प्रथम संस्करण: 1971 पुराने कुमाउनी साहित्य प्रकाशन की इस …
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