----- माटी-थाति अर प्रवासी------ गौं मा पळया-खेलया अर बितांया दिनों बटि पढिलिखि भैर गयां मनखि प्रवासी रैबासी बणीतै नौकरी दगडि तखि बसिगिन। यूंकै बीच कै प्रवासी त अपडि गौं माटी की खुशबू बिसरिगिन, …
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