हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
दोस्तों नेगी जी ने अपने हर गीत में ज़िन्दगी की हक़ीकत को दर्शाया है इससे कोई भी अनजान नहीं है आज उनके एक ऐसे ही गीत को लेकर आपके समक्ष लेकर आया हूँ. इस गीत को सुनकर आपको अपने उत्तराखण्ड की याद जरूर आ जाएगी. इस गीत में उत्तराखण्ड में सूर्योदय से सूर्यास्त तक की दिनचर्या के बारे में दर्शाया गया है. तो आइये आप भी आनंद लीजिए इस गीत के पढ़कर और चाहे तो सुन कर सुनने के लिए यहाँ प्रवेश करे.
चम चमा चम चमचम चमचम
चम चमकी, चमकी, चम चमकी घाम कान्ठियु मा
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी बणी गैनी - बणी गैनी साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
शिव का कैलाशु गायी पैली-पैली घाम साथी-शिव का कैलाशु गायी पैली-पैली घाम सेवा लगौणु आई बदरी का धाम भै साथी- बदरी का धाम भै बदरी का धाम
सर्रर्रर फैली, फैली सर्रर्रर फैली घाम डांडो मा
साथी- पौन पंछी डाँडी डाली बोटी बिजी गैनी पौन पंछी डाँडी डाली बोटी बिजी गैनी
बिजी गैनी बिजी गैनी
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
ठण्डु मठु चड़ी घाम फुलूं की पाख्युं मा ठण्डु मठु चड़ी घाम फुलूं की पाख्युं मा लगी कुतग्यली तौंकी नांगी काख्युं मा भै साथी-नांगी काख्युं मा भै नांगी काख्युं मा
खिच्च हसनी, हसनी फूल डाल्युं मा साथी-भौरा पोथुला रंगमत बणी गैनी भौरा पोथुला रंगमत बणी गैनी बणी ग्येनी बणी गैनीसाथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
डांडी कांठी बिजाली पौंछि घाम गौ मा साथी- डांडी कांठी बिजाली पौंछि घाम गौ मा
सुनिंद पोड़ी छै बेटि ब्वारी ड्यरो मा साथी-ब्वारी ड्यरो मा- ब्वारी ड्यरो मा
झम्म झौल, झौल, झम्म झौल लगी आंख्युं मा साथी-मायादार आंख्युं का सुपिन्या उड़ी गैनी मायादार आंख्युं का सुपिन्या उड़ी गैनी
उड़ी गैनी- उड़ी गैनी
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
छुयु मा मिसे गिनि पंदेरो मा पंदेनी साथी-छुयु मा मिसे गिनि पंदेरो मा पंदेनी भांडी भुर्ये गिनी तौंकी छुई नि पुरेनी भै साथी-छुई नि पुरेनी भै छुई नि पुरेनी खल्ल खते खते खल्ल खते घाम मुख्डियो मा साथी-पितलणया मुखड़ी सुना की बणी गैनी पितलणया मुखड़ी सुना की बणी गैनी
बणी गैनी - बणी गैनी
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
हिंवाली हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
दोफरा मा लगी जब बणू मा घाम तैलू दोफरा मा लगी जब बणू मा घाम तैलू बैठी ग्येनी घस्येनी बिसैकी डाला छैलू बिसैकी डाला छैलू बिसैकी डाला छैलू
गर्रर निंद, गर्रर निंद पोड़ी छैल मा साथी-आयी पतरोल अर घस्येनी लुछे गेनी आयी पतरोल अर घस्येनी लुछे गेनी बणी गैनी - बणी गैनी
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
भ्यखुनी को शीलू घाम पैटण बैठी गे साथी-भ्यखुनी को शीलू घाम पैटण बैठी गे डांडीयु का पिछड़ी जून हैसण बैठीगे भै
साथी-हैसण बैठीगे भै हैसण बैठीगे झम्म रात रात झम्म रात पोड़ी रौलियो मा साथी-पौन पंछी डांडी डाली बोटी स्येयी गैनी स्येयी ग्येनी स्येयी गैनी साथी-पौन पंछी डाँडी डाली बोटी स्येयी गैनी पौन पंछी डाँडी डाली बोटी स्येयी गैनी पौन पंछी डाँडी डाली बोटी स्येयी गैनी
हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
दोस्तों नेगी जी ने अपने हर गीत में ज़िन्दगी की हक़ीकत को दर्शाया है इससे कोई भी अनजान नहीं है आज उनके एक ऐसे ही गीत को लेकर आपके समक्ष लेकर आया हूँ. इस गीत को सुनकर आपको अपने उत्तराखण्ड की याद जरूर आ जाएगी. इस गीत में उत्तराखण्ड में सूर्योदय से सूर्यास्त तक की दिनचर्या के बारे में दर्शाया गया है. तो आइये आप भी आनंद लीजिए इस गीत के पढ़कर और चाहे तो सुन कर सुनने के लिए यहाँ प्रवेश करे.
चम चमा चम चमचम चमचम
चम चमकी, चमकी, चम चमकी घाम कान्ठियु मा
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
सर्रर्रर फैली, फैली सर्रर्रर फैली घाम डांडो मा
साथी- पौन पंछी डाँडी डाली बोटी बिजी गैनी
बिजी गैनी बिजी गैनी
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
खिच्च हसनी, हसनी फूल डाल्युं मा
सुनिंद पोड़ी छै बेटि ब्वारी ड्यरो मा
झम्म झौल, झौल, झम्म झौल लगी आंख्युं मा
उड़ी गैनी- उड़ी गैनी
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
बणी गैनी - बणी गैनी
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
हिंवाली हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
गर्रर निंद, गर्रर निंद पोड़ी छैल मा
साथी- हिंवाली काँठी चंदी की बणी गैनी
साथी-हैसण बैठीगे भै हैसण बैठीगे
अनोप सिंह नेगी (खुदेड़)
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