गा ले मन गा ले मन कंटक पथ में भी | मिले सुख या व्यथा घनेरी , मिले निशा या भोर सुनहरी | कभी शूल या कभी सुमन हों , मुक्त रहो तुम या बन्धन हो || मुदित रहो नित कर्मपथों पर , चढ़…
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