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Pitra Diwas ki shubhkamnaye पितृ दिवस की शुभ कामनायें

पितृ दिवस की शुभ कामनायें 

बच्चों के ही सपनों के हित,
Pitra Diwas ki shubhkamnaye पितृ दिवस की शुभ कामनायें
    बनता खाद व पानी है |
अपने को बूढ़ा है करता ,
         देता भरी जवानी है ||

बन जाता गदहा या घोड़ा,
             अपने सपने मारे वो |
एेक माँग पर उन पर अपनी,
            सारी खुशियाँ वारे वो ||

चाहो जो पूरा करता है,
            नींदैं अपनी दे देता |
खुद ही वो पतवार थामता,
           नाव सभी की खे लेता ||


जिद के आगे सदा हारता,
          विजय दिलाता बच्चों को |
खुद अपने आँसू पीकर भी,
 .          सदा हँसाता बच्चों को ||


ईशगृह में हाथ पसारे,
           बच्चों की खुशियाँ माँगे |
गिरते नयनों से टेसू जब,
           बच्चों हित हँसियाँ माँगे ||

पिता टाँगकर थैला नित ही,
             चक्कर काटे मन्डी के |
और दुकान में जा थामता,
            नित ही हत्थे कण्डी के ||


तिनका-तिनका जोड़ जोड़कर,
              बनता एेक घरौंदा जब |
नयनों में जल देकर सारे,
           छोड़ छाड़ चल देते सब ||


पिता अपना जीवन सौंपकर ,
           बच्चों को जीवन देता |
अपने हित दु:ख लेकर भी,
      खुशियों का कण-कण देता ||


पोछ सको तो सदा पोछना,
        पिता के नयनों का नीर |
कभी न गरल मिलेगा पथ पर,
        भरे नित सुख सागर क्षीर ||


    पूज्य पिता दिवस की बधाई


©डाoविद्यासागर कापड़ी

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