शुभ हो होली..........
अरे सुखों की द्वार खड़ी देखो रंगोली,
थाल सजाकर देवगणों की आई टोली ।
होगा हृदय मुदित पाकर सुखों की गागर,
देखो अप्रतिम सुख लेकर आई है होली।।
सजे नेह के मधु रंगों से उर की खोली,
गीतों में नित साथ रहे प्यारी हमजोली ।
सभी मीत हो जायें जो भी मिलें आपसे,
रसना में हो घुली अमिय सी नित मधुबोली।।
हो सदा भरी सुख की गागर,धन की झोली,
मस्त माह फागुन करता हो हँसी,ठिठोली ।
देवकृपा के रंगों से हों रंगे सदा ही ,
यही कामना करता सागर शुभ हो होली।।
डाo विद्यासागर कापड़ी
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