गढ़वाली भाषा साहित्य में नन्दन राणा 'नवल' जी का चमकदार प्रवेश।
कल २२/०४/२०२१ को चंद्रनगर रुद्रप्रयाग निवासी शिक्षक नन्दन राणा 'नवल' जी का गढ़वाली काव्यसंग्रह 'कुछ त हो' लोक को समर्पित किया गया।
यह लोकार्पण कार्यक्रम काफल रेस्टोरेंट्स सहस्त्र धारा रोड़ देहरादून में आयोजित किया गया, कोविड नियमों के पालन के साथ इस कार्यक्रम में सीमित लोग आमंत्रित थे।
कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण करने वाले ग्यारह गांव हिंदाव फेसबुक पेज के एडमिन श्री अखिलेश अंथवाल जी की कृपा से इस कार्यक्रम से लाइव जुड़ना हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गढ गौरव आदरणीय नरेन्द्र सिंह नेगी जी थे।
शिक्षाकुंर द ग्लोबल स्कूल के निदेशक आदरणीय आचार्य सचिदानंद जोशी जी इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।
कार्यक्रम में उत्तराखंड की ख्यातिप्राप्त साहित्यकार श्रीमती वीना बैंजवाल जी ने पुस्तक की पाठकीय समीक्षा की,
पुस्तक की भूमिका सुप्रसिद्ध रंगकर्मी,कवि,और गढभाषा के चर्चित गजलकार श्री मदन मोहन डुकलान द्वारा लिखी गई, जिसका वाचन उनकी अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि के रुप में गढ़वाली साहित्यकार श्री आशीष सुंद्रियाल जी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक भाषा आन्दोलन के प्रणेता श्री लोकेश नवानी जी द्वारा की गई।
सुंदर कार्यक्रम का संचालन श्री गिरीश बडोनी जी द्वारा किया गया।
जिन्होंने अपनी चिर-परिचित शैली में कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का परिचय रखा।
पुस्तक की पाठकीय समीक्षक आदरणीया वीना बैंजवाल जी ने पुस्तक की कविताओं की सारगर्भित विवेचना की जिससे कवि नंदन जी की सृजन शीलता को पूरे-पूरे अंक मिलते प्रतीत हुए।
आचार्य जोशी जी ने कवि को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उनसे भविष्य में ऐसी अनेक रचनाएं समाज को देने की आशा व्यक्त की।
गढ गौरव श्री नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने कवि को शुभकामनाएं प्रेषित की,और गढ़वाली साहित्यकार के रुप में उनका स्वागत किया।
श्री आशीष सुंद्रियाल जी ने श्री नंदन राणा 'नवल' जी द्वारा लिखित पुस्तक की भूमिका ऐसी पढ़ी कि पुस्तक 'कुछ त हो' गढवाली काव्य संग्रह को पढ़ने की इच्छा बलवती हो उठी।
कवि राणा जी ने अपने संबोधन में अतिथियों सहित समस्त आगंतुकों का आभार कहा और साथ में अपनी दो कविताएं पढ़ी, कवि पर श्री नेगी जी का विशेष प्रभाव प्रतीत होता है,वे इस बात को बार-बार दुहराते रहे कि मेरे लेखन की प्रेरणा आदरणीय नेगी जी हैं।
कार्यक्रम के अंत में लोकसभा आंदोलन के प्रणेता श्री लोकेश नवानी जी ने राणा जी को शुभकामनाएं प्रेषित की,और उनकी सुन्दर रचनाओं को सराहा, श्री नवानी जी गढ़वाली भाषा के मानकीकरण के पक्षधर दिखे।
संचालक गिरीश बडोनी जी ने, श्री नेगी जी के रचना कौशल पर सुखद आश्चर्य व्यक्त किया,और कहा कि श्री राणा जी की भांति न जाने कितने लोग श्री नेगी जी के गीतों को सुनकर लेखन की ओर उन्मुख हुए।
कार्यक्रम में श्री रमाकांत बैंजवाल जी, डाक्टर शैलेन्द्र मैठाणी जी, श्री अनिल नेगी जी, श्री अजयपाल नेगी जी,और कार्यक्रम के जीवंत प्रासारक, श्री अखिलेश अंथवाल जी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मैंश्री नन्दन राणा 'नवल' जी को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं, आप नित नूतन सृजन करते रहें, और हमे निकट भविष्य में ऐसी अनेक रचनाओं को पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हो।
हम गढ़वाली भाषा साहित्य में श्री नन्दन राणा नवल जी के चमकदार प्रवेश से गदगद हैं।
आपको हार्दिक शुभकामनाएं श्री नन्दन राणा 'नवल' जी
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