प्रजातंत्र रखवाले बदल रही है सभ्यता बदल रहा परिवेश लुटेरे घूम रहे हैं बना के साधु , "वेश" शत-शत नमन करो इनको ये प्रजातंत्र रखवाले हैं मदिरा के प्यालों से पानी की प्यास बुझाते हैं बचना इन …
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