दगड़्यौं बुढ बुढ्यौं ख्याल रख्याँ ह्वाँ, कुछ लैन ददी (दादी) पर आज... "मेरी दादी" हे राम भगवान् , अछै, कख चली जांदू हैं इंसान। बुनै मेरी ददी(दादी) ब्वोदी छै, पीड़ा मा कणौंदी कबर्यौं रोंदी बी…
मैत की बेटी सी परांण हुयुं म्यारु लौंकदी कुयेडी मा टक गौं लग्युं म्यारु मैत की बेटी सी परांण हुयुं म्यारु ककडी मुगरी बुये फंची मा बंधणी ह्वेली दीदी कुन सुसरास लखै मेकुन जुगै कन धनी ह्वेली मैत की बेटी…
नमस्कार दोस्तों आज आप लोगों के आशिर्वाद से कश्मीर पर कविता लिखने जा रहा हूं ,..... कश्मीर जो भारत का शीश हुआ करता था, स्वर्ग से भी प्यारा जो कश्मीर हुआ करता था , कश्मीर हिमालय भारत का जो अपना था, लाल…
दगड़्या चल रे...... दगड़्या चल रे........, दगड़्या चल रे, तू अर मीई.. फँखुड़ी लगैकि द्वीई....... कखि उड़ि जौंला..........., हम द्वियों जुगा, रईं नी य दुन्य सरग फर उड़दा उड़दा गैंणा बणि जौंला........, दगड़्या…
इस बार जाने दे देश के लिए मैने, देश से किया जो वादा है। फिर लुंगा कोख से जन्म तेरे, ये मेरा तुझसे वादा है। हो जाऊंगा अगर शहीद तो, आँसू मत बहाना तू। बस कर देना हंस के विदा, इन हाथो से सहलाके तू। माँ म…
घुट्या पुत्या घुट्या पुत्या पाटी अर बुखल्या कम्यडु खडिया हरचिन दगडया कच्ची एक पक्की एक धारों धारी गेन एल.के जी यू.के.जी नर्सरी ह्वेन ईमला निबंध हरची सुलेख अंग्रेजी क जमन मा हरची आलेख पहाडा बैराखडी हर…
नानतिनाओ रे' (कुमाउनी कविता) - पूरन चन्द्र काण्डपाल नानतिनाओ रे, हमारा नानतिनाओ रे, पिछाड़ि झन रया दुनिय दगै जाओ रे, अगास में उड़णियां पंछी कणी देखो, उड़नै उड़नै आपणि मंजिल पुजिगो, वीक चार तुम आपण लक…
Download Our Andoid App मैत्यु की खुद म सौण की रुण झुण बरखा म बैठियु छौ यखुलि घोर म बर्खा की टप टप बूंद देखि खुदेणु छौ मैत्यु की खुद म डांडी काण्ठियों म कालि कुरेड़ी चम्म लैगे, गौं गला बुड्या ब्वै …
कुई नि यख अपणु सभी बिरणा ही छन, भलु बगत फर सब तेरा बुरु बगत फर कुई नि छन। बिन उज्यला कु त छैल भी दगुड़ छोड़ दींद, फिर मनखी त मनखी ही छन। अपणु दुःख लगौ भी त कैमा लगौ, सभी यख हैसणो तैयार बैठ्या छन। बगत च…
कुरच्याट देखी क लगणां यन दुनिया यै ग्या जन दिल्ली मा मैट्रो की सौल दुंली आज मीन भी देख्याल दिल्ली मां राजीव चौक बिटी भितरी भितर कखन कख पौंछी ग्यो मी दिल्ली मा कुरच्याट देखी क लगंणा यन दुनिया यै ग्…
"मिं वे मुल्क कु छोऊं जख डांडी कांठी बच्यांद--- " @ संदीप रावत ,श्रीनगर गढ़वाल | (प्रवक्ता रसायन ,रा0इ0कॉ0धद्दी घंडियाल, बडियारगढ़) ---------------------------------------------------------…
हफ्ता मैना उब वैगी माँजी मै गों गल्ला म श्वाचणु छूं कन वल्ला भै भैणा म्यारा माँजी मै खुद म खुदेणु छू सुबिऐरियों उठिक मोल पात घासक मैं जान्दू छूं घर ऐक सासु मुख देखी माँ…
हे मां त्वै बिना आंखी नम हुंयी च सुबेर श्याम फोटो तेरी मेरी जिकुडी धरीं च आंदी बगत मांजी तीन लगै द्या बिदकी क पिटयी आंखी तेरी भी भरीं छै मां मीन भी चिताई मुंड मलासी क मा तु मीतै पैटाणा …
परदेश मा नौकर्यों की बडुल्युं की खुद च मां बेट्युं कुन लुटीर कुटीर च्युडा बुखांणु की खुद च मां नयी नयी रीतुओं की नौ नवांण की खुद च मां मैत की बेट्युं की खुद सबसे बडु सारु च मां झपलंगी डाळी छैलु जन प्…
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