हे मां त्वै बिना
आंखी नम हुंयी च
सुबेर श्याम फोटो तेरी
मेरी जिकुडी धरीं च
आंदी बगत मांजी तीन
लगै द्या बिदकी क पिटयी
आंखी तेरी भी भरीं छै
मां मीन भी चिताई
मुंड मलासी क मा तु
मीतै पैटाणा रैयी
बस मा नी बैठी जब तक
तु धार बीटी दिखणा रैयी
हे मां त्वै बिना
आंखी नम हुंयीं च
तेरी चुडा बुखाणु की
मां याद भौत आंद
घुंड घुंडीयुं बर्फ मा जब
डयूटी लगी जांद
हे मा त्वै बिना...........
सर्वाधिकार सुरक्षित....सुदेश भटट(दगडया)
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