हफ्ता मैना उब वैगी माँजी
मै गों गल्ला म श्वाचणु छूं
कन वल्ला भै भैणा म्यारा माँजी
मै खुद म खुदेणु छू
सुबिऐरियों उठिक मोल पात
घासक मैं जान्दू छूं
घर ऐक सासु मुख देखी माँ जी
मै सासु चित बुजोणु छूं
जब फोन आंन्दू माँ जी
सासु काम सुणोणी च
आँसू पीक स्वार बुलैक
माँ त्वै तै खुजोणो छूं मैत की खुद माँ जी
आज भी लगी च मै
मैना आइया वे नी माँ जी
मै खुद म खुदैणु छूं
जिन्दगी भर त्वीन पालियों
आज कियेक सारा भैजियों
खियाना वल्ला भै भैणा मियरा माँ जी
मै खुद म खुदैणु छूं
बार तिवार ऐगी माँ जी
मन मियेरू बटासिऐगी
स्वार मियेरू मैत लगीयों माँ जी
मै खुद म तुम्हारी खुदैणु छूं
अपरी विपता देखिक माँ जी
त्वै म सब कुछ बतोणु
भेजी बुल्ला म नी सुणे माँ जी
हाथ जवेडी ब्वानु छूं
अफुरू ध्यान रखदी रै माँ जी
मै अफुरू रखणु छूं
माँ तियेरी ममता मै पर लगीं
आज भी मै जाल्डू छूं
अब नी सामथ्र माँ जी
कि कुछ अगनी लिखलु मै
खुद म तुम्हारी माँ जी
खुद म खुदैणु छूं
मैत की खुद म खुदैणु छूं
नोट -सर्वाधिकार
प्रीतम विद्वान घनसाली अखोडी धार गों
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