न गंज्यलो की घम-घम च न जन्दरो कु घरड़ाट च चुल्लो मा भी आग नीच अब छन्यो मा भी कीला ज्यूड़ा नि रैनी अब पींडा कु तौलू भी सोचणु रैंदु कख गौड़ी भैस्यू कु जब्लाट च जै घासा का पैथर गाली खैएनी अब वे घास कटण्या …
मी तरसू वे पहाड़ खु, पहाड़ तरसू मीखु मीमा वक़्त नि वेमा जाणा कु, वो हिली नि सकदु मीमा आणा खु मी जांदू जब भी वेमा मी रुंदु छौ वो हैसांदु च तब भी दुःख अपणा लुकैकि आज ये पहाड़ की वा हालत करी च पीड़ा त हुन्दी…
हे प्रिये आज आठ वर्ष पूरे हुए हमारी शादी के राही जीवन के आज हम एक हुए ऐ मेरे हमसफ़र मैं तुमपर तुम मुझपर प्रेम अपना यू ही बनाये रखे अटूट विश्वास हम दोनों को इक दूज़े पर इसे हम यूँ ही कायम रखे आओ हम आशीष…
उत्तराखण्ड की व्यवस्था त जनि की तनि रैगी लेकिन मनखी भी अब तनि व्हैगी बात करा उत्तराखण्ड का भविष्य की पर छ्वि दानो की भी बालो जन रैगी हम छ्वि लगाणा उत्तराखण्ड कु विकास कनकै होलु अर वो क्रिकेट की बॉल ख…
आवा दगड़यों पहाड़ो थै शहर बणौला शहरी संस्कृति लेकिन पहाड़ो मा आण नि दयोला हमारू युवा पलायन न करो कुछ इन करुला पहाड़ी एक मिशाल बणी जौ काम इन करुला आवा दगड़यों पहाड़ो थै शहर बणौला शहरी संस्कृति लेकिन पहाड़ो म…
हिलिगे मेरु पहाड़, हे विकास तेरी आस मा खौंदार व्हेगेनि पहाड़ हमरा, हे विकास तेरी आस मा विनाश ही विनाश दिखेणु पहाड़ कु, हे विकास तेरी आस मा पर तू दिखेंदु नि छै, दूर तक कैकि आस मा घास लखडु सब हरचिगेनि, हे…
वक़्त भी बड़ा अज़ीब होता है, इसका मिलना कहाँ सबके नसीब होता है। जिसे क़द्र नही वक़्त की, उसके पास वक़्त ही वक़्त होता है। वक़्त का एहसास जिसे होता है, उम्रभर वक़्त के लिए वो रोता है। वक़्त कैसा भी हो अच्छा या …
आरक्षण आरक्षण इस चार एक छोटे से शब्द ने देश में आज भी भेद-भाव का माहौल बनाया हुआ है, इस स्थिति पर कुछ लाइन पेश कर रहा हु आशा करता हु इस कविता को गलत दिशा की ओर नही मोड़ा जायेगा और सभी को पसंद आएगी। मै…
मैं लिखता नही कलम चल जाती है शब्द बनाता नही अक्षर जुड़ जाते है कोशिश करता हूँ बहुत कुछ लिखने की ख़याल मुझे मेरे पहाड़ो की ओर ले जाते है राह कोई भी क्यों न देखु लेकिन रास्ते पहाड़ो ...
खुदेड़ डाँडी काँठी या खुदेणी आज अपणो की आस मा कख होला मेरा अपणा कुई नि दिखेणु च पास मा बांजी पुंगड़ी खौंदार कूड़ी देखदा रुंदा यु पहाड़ो थै कीला ज्यूड़ा रमदा यख गोर-बछर…
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