खुदेड़ डाँडी काँठी या
खुदेणी आज अपणो की आस मा
कख होला मेरा अपणा
कुई नि दिखेणु च पास मा
बांजी पुंगड़ी खौंदार कूड़ी
देखदा रुंदा यु पहाड़ो थै
कीला ज्यूड़ा रमदा यख गोर-बछरो की गौल्यो थै
हैल-दंदलु भी खोजदा बल्दो की कंद्यो थै
दथुड़ा-कुटला हेरदा मनख़्यो का हाथो थै
जंदुरु भी तरसदु ग्युह कोदा की दाण्यो थै
खुदेणी आज अपणो की आस मा
कख होला मेरा अपणा
कुई नि दिखेणु च पास मा
बांजी पुंगड़ी खौंदार कूड़ी
देखदा रुंदा यु पहाड़ो थै
कीला ज्यूड़ा रमदा यख गोर-बछरो की गौल्यो थै
हैल-दंदलु भी खोजदा बल्दो की कंद्यो थै
दथुड़ा-कुटला हेरदा मनख़्यो का हाथो थै
जंदुरु भी तरसदु ग्युह कोदा की दाण्यो थै
डाल्यों कु छैलु भी लग्यु रैंदु बटोयु की सास मा
छोया-पंदेरा भी बिस्कणा पंदेन्यु की आस मा
छोया-पंदेरा भी बिस्कणा पंदेन्यु की आस मा
डाँडी काँठी भी हरचिगेनि
घस्येन्यू की याद मा
खुदेड़ डाँडी काँठी या
खुदेणी आज अपणो की आस मा
घस्येन्यू की याद मा
खुदेड़ डाँडी काँठी या
खुदेणी आज अपणो की आस मा
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