सब खंद्वार सब लम्पसार अंद्वार जो छा यख सब बणिगीं उंदै का मायादार । सर्या गौं मा कूडि पचास आदिम चार । ढक्यां छी घर घरु मा छैंदा मवसि का द्वार । म्यार मुल्क की ई च अब तिसलि …
क्या ये वही पहाड़ है? भाग-4 ------------------------------------------------------------------------- -------------------------------------------------------------------------- आज उस पहाड़…
क्या ये वही पहाड़ है? भाग - 3 ---------------------------------------- बालण पुजै बधाण/ बालण पुजै:- गाय या भैंस के बछड़ा/बछिया के जन्म जन्म के बाद 11वें या 21वें दिन की जाने वाली पूजा। बधाण पूजा आपने भ…
क्या ये वही पहाड़ है? भाग 2 गतांक से आगे........ कक्षा दो में प्रवेश और अब पाटी दावत के साथ थोड़ा आगे बढ़े बचपन से ही घड़ी का बड़ा शौक था, मेरी पहली घड़ी कक्षा 2 में नाना जी ने दी क्या घड़ी थी अहा काला पट्ट…
क्या ये वही पहाड़ है? रिंगाल(बांस) की टोकरी जिसे हमने अपने बचपन मे देखा था। जहा मेरा परिवार नही हमारा परिवार था, जहां हर घर मे हर किसी का कुछ न कुछ रिश्ता था। अगर गांव में किसी घर मे कोई परदेश से लौटत…
जिंदगी मुझे कुछ समझाना चाहती थी, जो ना समझ सका अब तक, वह तो स्वप्न में मुझे दिखाना चाहती थी। ना राह मालूम थी, न मंजिल का ही पता था, निकल पड़ा था ना जाने क्यों, मैं उस राह पर, शायद जिंदगी मुझे कुछ समझ…
स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को शुभकामनाएं आज विद्यार्थी जीवन के उन पलों की बहुत याद आती है, यू तो मैंने गाँव के विद्यालय में तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा है लेकिन वो वक़्त आज एक अजीब सा एहसास दिलाता है। आज बात…
पहाड़ वीरान हो गया जिसने जीना सिखाया हमें वो पहाड़ वीरान हो गया जिसने जीना सिखाया हमें वो पहाड़ वीरान हो गया जो निवासी पहाड़ों का था अब वही मेहमान हो गया जिसने जीना सिखाया हमें वो पहाड़ वीरान हो गया…
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