खादि वळा द्यब्ता
फिंची फिंची देरादूण,
अफू उड्या सि हैली-हैली,
हम छोड़्या बगदी गाड़ मा।
परजा बिचारी सास लगीं,
सि अळज्याँ राजनीत्या जाळ मा।
भितरा-भितरी सि मामा पूफ्वा,
भैर सुदी धना यका-हैका झाड़ मा।
अफू उड्या सि हैली-हैली
हम छोड़्या बगदी गाड़ मा।
सूखा पड़्याँ धारा पन्ध्यरा,
मनखी सबी रड़दी जाँणा।
नीति बण्णी निस देरादूण,
अर समस्या यख पाड़ मा।
अफू उड्या सि हैली-हैली
हम छोड़्या बगदी गाड़ मा।
न रोजगार न काम धन्धा,
जंक लगणू सब्सिडी बाँटी।
दिक्कत होंणी अगने का दाँत,
सुई लगणी अकले दाड़ मा।
अफू उड्या सि हैली-हैली
हम छोड़्या बगदी गाड़ मा।
चौवन मैना बौंहड़ा पड़्याँ,
आखिर मा कन्ना तंग खड़ा।
साढ़ी चार साले सपोड़ा सपोड़ी,
जांदी वक्त द्वी रुप्या बाँधी देंदा हमारी नाड़ मा।
अफू उड्या सि हैली-हैली
हम छोड़्या बगदी गाड़ मा।
सर्वाधिकार सुरक्षित - नन्दन राणा
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