प्रवासी और पहाड़
पलायन की मार झेलते उत्तराखंड मे प्रवासी रोकने की दिशा मे सरकार की अग्नि परीक्षा।
बडे बडे दावे और खर्चीली महंगी महंगी योजनाओं को सरकारी दस्तावेज मे खूब सजाया जाता रहा है।
उद्यान विभाग, लघु उद्योग विभाग, श्रम विभाग, जलागम, आजीविका समेत दर्जनों विभाग संस्थाएँ रोजगार और पलायन पर अपने धरातलीय काम का दंभ भर्ती आ रही है।
आज सरकार शाशन प्रशासन स्थानीय समाज सबकी परीक्षा का समय आ चुका है।
रैबासी प्रवासी सब लंबे समय तक के लिए लौट चुके है।
अब तो वाकई इन संस्थाओं विभागों के साथ शासन प्रशासन को अपनी चिरपुराचीन योजनाओं को प्रवासियों
के अनुरूप ढाल कर मोडिफाई करना होगा।
खेती कृषि को ही रोजगार का नाम देना कतई सही नही है।
बल्कि पढेलिखे नवजवानों को अगर पहाड़ रोकना है तो तकनीकी रोजगार की बात करनी होगी। खेती कृषि मे भी टेक्नीकल खेती की बात करनी होगी।
मोडिफाई कृषि उपकरणों और अत्याधुनिक फायदेमंद फसल उत्पाद की दिशा में उदाहरण पेश कर प्रोत्साहन देना होगा।
गांव मे सुविधाए मुहैया करवानी होगी।
स्वास्थ्य शिक्षा को बेहतर सुढृढ बनाना भी प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि रोजगार के साथ आज शिक्षा और स्वास्थ्य भी पलायन का मुख्य कारण बना है।
इस विकट घड़ी मे आज जहाँ लोगोंका रोजगार बंद पडया गया वही होटल मोटल और कई फैक्टरियों ने अपने कर्मचारी कम करने शुरु कर दिए ऐसे मे अपने गांवलौटे प्रवासी अपनी सरकार से बड़ी उम्मीद भरी निगाहों से आशीर्वाद लगाए बैठे है। जो कि वाजिब भी है आखिर जिस पलायन और रोजगार के साथ यहाँ पानी और जवानी बहने की बात की जाती है आज वो पानी और जवानी रोकने का समय आ चुका है। प्रवासी खुद आज पहाड़ मे रुकने को तैयार है बशर्ते उनके मुताबिक रोजगार उपलब्ध करवाया जाए।
हम सबकी भी जिम्मेदारी बढ जाती है कि पहाड़ मे लौटे प्रवासियों को प्रोत्साहित करे उन्हें भरपूर सम्मान दें और रोजगार के नव सृजन के बेहतर विकल्प पर उनकी मदद करे। पलायन ना तो कागजों मे रुकेगा ना ही कोरे भाषणों मे।
पलायन रुकेगा तो इन लौटे प्रवासियों से। और गाँव मे उपजे नए रोजगार से।
प्रवासी लोगों के लिए रोजगार के कुछ विकल्प ये हो सकते है---
मधुमक्खी पालन
- रेशम पालन
- झाडू उद्योग
- धूप अगरबत्ती उद्योग
- साबुन उद्योग
- अचार जूस उद्योग
- ट्रैकिंग एडवेंचर
- रिंगाल उद्योग
- कोदा झंगोरा बिस्किट
- फूल उत्पादन इत्र उद्योग साबुन उद्योग
- डेयरी फार्म
- मुर्गी फार्म
- मछली पालन
- छोटा ट्रैक्टर खेत जोतने का काम
- वाटर प्यूरिफायर और पैकेजिग
- पहाड़ी फल स्टोरेज कोल्ड स्टोरेज
- सिलाई कड़ाई
- सजावटी पौध नर्सरी और सप्लाई
- होटल मोटल
- टूर ट्रैवलर्स
- सोलर ऊर्जा प्लांट
- औषधीय खेती
- कंप्यूटर लैपटाॅप मोबाइल रिपेयरिग
- कंप्यूटर प्रशिक्षण
- कोंचिग इंस्टीट्यूट
---अश्विनी गौड़ दानकोट अगस्त्यमुनि रूद्रप्रयाग
0 टिप्पणियाँ
यदि आप इस पोस्ट के बारे में अधिक जानकारी रखते है या इस पोस्ट में कोई त्रुटि है तो आप हमसे सम्पर्क कर सकते है khudedandikanthi@gmail.com या 8700377026