तू अर मि
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चल भाजि जौंला कखि दुन्या से दूर...तू अर मि
चल य त तेरु पुरणु गॉँव चलि जौंला....तू अर मि,,
चल तेरु दादा कु जलोठ बैठ द्वी अना लुकोंला....तू अर मि,,
चल फुंगड़यों क मींड म बैठिक तिमला म लूण रैलि खोंला....तू अर मि,,
चल कौथिग तेरु खुटयों कु पैजेँ मुल्योंला...तू अर मि,,
चल द्वी आँखयोंल एक ही सुपन्या दयख्ला...तू अर मि,,
चल प्याज का फुंगड़यों बै बांदर हंकोला...तू अर मि,,
चलो अपुड़ छन्नि म लुक्का छोरि खेलला....तू अर मि,,
चल डालयों का छैल म सुवींयाँ लागोंला....तू अर मि,,
चल दगड्यों का गैल म झुमेलु खेलुला.... तू अर मि,,
चल छ्वायों का पाणि मालू पात कु पतबुड छमडोंला... तू अर मि,,
चल रूडी का घाम म चखलों का घोल घुच्योंल....तू अर मि,,
चल ओंसि कि राति म भैलु खेलला...तू अर मि,,
चल ढोल दमो कि थाप प नागर्जा झुमोला....तू अर मि,,
चल नयु जून म घनुड़ी बणि क धान ठुंगला...तू अर मि,,
चल डाला का टुख नयु घोल बणोंला... तू अर मि,,
चल भिटे जौंला कै नयार कि गैरी ढंडि म...तू अर मि,,
चल बख्त भोत च अगास कु तरफ घिलमण्डी खेलला...तू अर मि,,
सर्वाधिकार सुरक्षित देवेश आदमी
पट्टी पैनो रिखणीखाल
देवभूमि उत्तराखंड
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