चलो बेटे-बेटी का
अंतर मिटाये,
चलो दोनो को
समान शिक्षा दिलाये।
चलो बेटे को
इस लायक बनाये,
दहेज के लिय
वो हाथ न फैलाये।
चलो बेटी को
इस काबिल बनाये,
दहेज की बेदी पर
जलायी न जाये।
चलो मिलकर हम
आवाज अब उठाये,
रोककर भूण हत्या
बेटी को बचाये।
चलो बेटो को भी
संस्कार का पाठ पढाये,
चलो बेटी को भी
बाहर की दुनिया दिखलाये।
चलो बच्चो को हम
समानता का अर्थ समझाये,
चलो बेटे-बेटी का
अंतर हम मिटाये।
रामेश्वरी सुनीता नादान
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