शब्दों की माया
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शब्दों कु भी अपड़ू एक जग जहाँन छः !!
शब्द ही एक ब्यक्तित्व की पहचान छः !!
शब्द ही पड़े जांदन मनख्यों की मनोदशा
मनख़्यों की हंशी ख़ुशी और जीवन ब्यथा !!
शब्द ही जग़ह देन्दन हम थै कै जिकुड़ा मा
अर अच्छा शब्द ही शोभा देन्दन मुखड़ा मा
शब्द ही ब्यक्त करदन हमारा बिचारों थै !!
शब्द ही उजागर करदन हमारा बिकारों थैं!!
शब्दों से ही हमारी मन भावना छः !!
शब्द ही कैप्रति ब्यक्त कन की सद्भावना छः
शब्द ही घौ देन्दन कभी न भरेण वाला !!
शब्द ही जगह देन्दन कभी न उतन वाला !!
शब्द ही परछाई छँन हमारा शरीर की !!
शब्द ही हथियार छःन दुखी अर गरीब की
इलै शब्दों थै बोलणू सदनी सोची तोली की
सुदी नि खतणू फ्री समझी रैतु घोली की
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पंक्तियाँ ~ सुरेन्द्र सेमवाल सर्वाधिकार सुरछित@
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