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Awa Mili Juli आवा आज मिली-जुली

Awa Mili Juli आवा आज मिली-जुली

आवा आज मिली-जुली

आवा आज मिली-जुली,
 ये महामारी का
अन्ध्यरा तै दूर कोला,


आज दुख-विपदा
 मा च, देस,
सबि सजग-सतर्क रेतै,
 भौळ सुख पौला।

कैकी टूटदि कांध्यूं तै,
कैकि भूखै आग तै,
कैकी निरासीं आस तै,
सारू भरोसू दयोला,
आवा आज मिली-जुलि,
ये अन्ध्येरा छंट्योला।


------@कविता कैंतुरा लुटियाग खल्वा चिरबटिया रूद्रप्रयाग ।।।।

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