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क्या दिन क्या रात हेजी हो

                           
नरेंद्र सिंह नेगी 
गीत      :    क्या दिन क्या रात हेजी हो 

गायक   :    नरेंद्र सिंह नेगी
एल्बम   :    छिबड़ाट                                                                        


पुरुष:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
          कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी  मेरा मन की बात हे जी हो
          मेरा मन की बात हे जी हो

स्त्री:- क्या दिन क्या रात हेजी हो  क्या दिन क्या रात
        झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हेजी हो
        हरी भरी गात हेजी हो
        उन त मर्जी चा तेरी समली ले की भूली जा तोड़ी करार जाणु छै
        जैली पर कबूली जा-जैली पर कबूली जा
        बांज कु बगोट हेजी हो बंजा कु बगोट
        देखि याली पछ्याणी भी याली तेरी नज़र कु खोट हे जी हो

पुरुष:- फूलु माँ देख ऐगेनि भौरा ये बरस भी
          तेरी मयाली माया कु
          जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी-जिकुड़ी तरसिगी जिकुड़ी
          बाँजा कु बगोट हेजी हो-बाँजा कु बगोट
         बाला मनसी साची माया मा तिन क्या पायी खोट हेजी हो

स्त्री:-  ऐसो  बस्ग्याल फिर कुयेड़ी लौकली
        आँखी रोली दणमण जिकुड़ी यकुली डौरली-जिकुड़ी यकुली डौरली
        लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
        खुदे-खुदे की पट मोरी जौलु छोड़ी न दे या साथ हेजी हो

पुरुष:- मेरा ही समणी बैठी रा कुछ न कैर कखी न जा
         माया खौला माया लौला मायादार छुई लगा-मायादार छुई लगा
         लांबी ह्यूंदै रात हेजी हो-लांबी ह्यूंदै रात
         माटा मा मिली जाली काया तौभी नि छोड़ू साथ

स्त्री:- क्या दिन क्या रात हेजी हो  क्या दिन क्या रात
        झूरी-झूरी पिंगली ह्वेगे हरी भरी गात हेजी हो
        हरी भरी गात हेजी हो

पुरुष:- क्या दिन क्या रात हेजी हो क्या दिन क्या रात
         कैन न नि बिंगी कैन नि जाणी  मेरा मन की बात हे जी हो
         मेरा मन की बात हे जी हो

                                                 अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
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