कौन ध्यान देगा?
कही पहाड़ खिसक रहा,
कही रोड़ धसक रही,
हम तुम कांग्रेस भाजपा की
लड़ाई में सफल हो रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहा पहाड़ी सिसक रहा!
कही रोड़ धसक रही,
हम तुम कांग्रेस भाजपा की
लड़ाई में सफल हो रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहा पहाड़ी सिसक रहा!
कही बादल फट रहा,
कही बाढ़ आ रही,
हम तुम फेसबुक पर
अनुमान लगा रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहा पहाड़ी दम तोड़ रहा!
हम तुम फेसबुक पर
अनुमान लगा रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहा पहाड़ी दम तोड़ रहा!
कही जंगल जल रहा,
कही सुरंगे खुद रही,
हम तुम अलवेदर के
सपनो के जाल में खो रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहां पहाड़ी ज़िंदा दफन हो रहा!
कही दल बदल रहा,
कही विदाई हो रही,
हम तुम आस विकास के
खयाली नक्से तैयार कर रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहां पहाड़ी अनाथ हो रहा!
कही विदाई हो रही,
हम तुम आस विकास के
खयाली नक्से तैयार कर रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहां पहाड़ी अनाथ हो रहा!
कही रोहिंग्या स्थायी हो रहा,
कही शराब बिक रही,
हम तुम नशे की
बोतल में तैर रहे।
किन्तु वहां कौन ध्यान देगा?
जहा सौदा पहाड़ी का हो रहा!
अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
9716959339
9716959339
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