नामस्कार दोस्तो आज बहुत समय बाद अपनी यह रचना प्रेषित कर रहा हूं।
मेरी यह पहली कुमाऊनी रचना है कोशिश की है लिखने की यदि कुछ त्रुटियां रह गयी हो तो कृपया मार्गदर्शन जरूर कीजियेगा।
मेरी यह पहली कुमाऊनी रचना है कोशिश की है लिखने की यदि कुछ त्रुटियां रह गयी हो तो कृपया मार्गदर्शन जरूर कीजियेगा।
https://khudeddandikanthi.blogspot.com/2018/07/hamar-pahar.html?m=1
*हमर पहाड़*
म्यर पहाड़ त्यर पहाड़,
म्यर त्यर क झगड़ मै,
हरै गो छौ हमर पहाड़।
म्यर त्यर क झगड़ मै,
हरै गो छौ हमर पहाड़।
गढ़ पहाड़ कुमौ पहाड़,
गढ़ कुमौ क बीचम,
उजड़ी गे छौ हमर पहाड़।
गढ़ कुमौ क बीचम,
उजड़ी गे छौ हमर पहाड़।
हरो भरो छि कभै,
हमर यो सुंदर पहाड़,
अब रगड़ है गे छौ हमर पहाड़।
हमर यो सुंदर पहाड़,
अब रगड़ है गे छौ हमर पहाड़।
गौ हमर बसै छि हमर पूर्वजुल,
अब नि रौ ग़ोई यू हमर पहाड़,
छूड़ डुट्याल बसी गो हमर पहाड़।
अब नि रौ ग़ोई यू हमर पहाड़,
छूड़ डुट्याल बसी गो हमर पहाड़।
द्याह(घर) उड़्यार है गो छ,
पहाड़ी नहै गो छोड़ी बेर पहाड़,
खौनार हैगो हमर पहाड़।
पहाड़ी नहै गो छोड़ी बेर पहाड़,
खौनार हैगो हमर पहाड़।
बग्वाल भैलो उदंकार हुंछि कभै,
नान तिन लै रौनक रौ छि पहाड़,
अब अन्यारपट हैरो हमर पहाड़।
नान तिन लै रौनक रौ छि पहाड़,
अब अन्यारपट हैरो हमर पहाड़।
चहल पहल खूब रौंछि कभै,
म्यल कौतिक की बहार हमर पहाड़,
अब सुनपट हैरो हमर सर पहाड़।
म्यल कौतिक की बहार हमर पहाड़,
अब सुनपट हैरो हमर सर पहाड़।
कसी दुर्गति हैगो यो हमर पहाड़,
गाड(खेत) बांज हैगो हमर पहाड़,
अब कसिक व्हल खुशहाल हमर पहाड़।
गाड(खेत) बांज हैगो हमर पहाड़,
अब कसिक व्हल खुशहाल हमर पहाड़।
गाड़-धार सुखी गै छौ,
जंगव(जंगल) लै जगी गो छौ हमर पहाड़,
जसकसै बचै ल्यो दगड्यो यो हमर पहाड़।
जंगव(जंगल) लै जगी गो छौ हमर पहाड़,
जसकसै बचै ल्यो दगड्यो यो हमर पहाड़।
अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
9716959339
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