खुदे ना माँजी तु
मीन बग्वाल्युं मा नी आंण।
सबसे बडु त्योहार उरयुं
मीन लाम मा जांण।
बैरी त्वाक लग्युं च
आंण कुन ये छाल।
त्यार दुध क सौं छन मांजी
मीं बंणी जौलु वैकुन काल।
पोच पिट्ठु कमर कस्युं
कांध मा धरीं रैफल च।
बैर्युं पर टक हे बुये
दिन रात मेरी लगीं च।
मी औलु त ठीक हे बुये
नी ओलु तु रोई ना।
बार त्योहारु मा खुद मा मेरी
मांजी आंसू बगैयी ना।
मेकु त्योहार बडु अयुं च
मांजी देश क बार्डरु मां।
तेरी दुधी कु लाज रखुल
बैर्युं तै मिटोलु मां।
खुदे ना मांजी तु
मीन बग्वाल्युं मा नी आंण।
सबसे बडु त्योहार उर्युं
मीन लाम मा जांण।
सर्वाधिकार सुरक्षित @फौजी भयुं तै समर्पित लेख
सुदेश भट्ट "दगड्या"
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