Top Header Ad

Banner 6

Ghum Peena Bhi Ek Badi Kala Hai Yaron गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो


यारो............. 


हां ये बहुत ही कठिन सी बला है यारो ,
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।

Ghum Peena Bhi Ek Badi Kala Hai Yaron गम पीना भी एक बड़ी कला है यारोफूलों का मजा यहां वही ले सकता है ,
जिसका बचपन कांटों में पला हो यारो ।
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

वो गम की नद हंस के पार करता है जो ,

जिन्दगी के हर सांचे में ढला है यारो ।
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

ढूंढो ऐब तो हर किसी में होंगे यहां ,
कहो कौन किसन की तरह भला है यारो ।
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो।।

वो छाछ भी तो फूंक-फूंककर पीता है ,
जिसका मुंह कभी दूध से जला है यारो ।
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

उजाला तो धरा में वही कर गया सदा ,
वो जो भी मोम की तरह गला है यारो । 
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

जो भी सीढ़ी में चढ़ने लगता है यहां  ,
वही अपने पड़ोसी को खला है यारो ।
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

सूरज की तरह ही चमका है वही यहां ,
जो मंजिल की तरफ अकेला चला है यारो । 
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

हृदय जिसका होता है गुलाब की तरह ,
उसी को तो सबने यहां छला है यारो ।
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

किसी की दुश्मनाई से कुछ नहीं होता ,
कहो कभी लिखा किसी का टला है यारो । 
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।


मां ने कभी दुआओं का बीज बोया था ।
आंगन में खुशियों का पेड़ फला है यारो । 
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

हां ये बहुत ही कठिन सी बला है यारो ।
गम पीना भी एक बड़ी कला है यारो ।।

©डा०विद्यासागर कापड़ी


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ