तुम त नेता जी धन्य छौ!
जख चुनौ हुणा वख गुर्रो जन रबदोळ्येणा छौ,
जनि चुनौ निपटेणा मिंढको जन हर्ची जाणा छौ,
चुनौ से पैली त खूब घुंडा मुंडा टेकणा छौ,
पर जितणा बाद खुटा भी भया ख्वणी सी धरणा छौ।
तुम त नेता जी धन्य छौ!
मुद्दों का फ़ंचा जौ फर चुनौ जीती की आणा छौ,
जितणा बाद वू फ़ंछो थै कैका कोलण चुटाणा छौ,
जनता थै खूब आस का सुपिन्या खूब दिखाणा छौ,
पैथर दा चट चुंगनी देकी अदनिंदल्या कैर जाणा छौ।
तुम त नेता जी धन्य छौ!
चुनौ से पैली कुकरा गुसै क्या कुकर थै बी सेवा लगाणा छौ,
चुनौ जीती की तुम कुकरा गुसै थै भी आँखा दिखाणा छौ,
चुनौ प्रचार त इन कना छौ जन म्याला उर्याणा छौ,
म्यालो की चुकापट देखा सब प्रचार फर लगाणा छौ।
तुम त नेता जी धन्य छौ!
कबि ये दल कबि वे दल इतगा किलै रगर्याणा छौ,
इनि क्या अंतुरि आणि जु इनै-उनै मुंड कुच्याणा छौ,
एक दल का व्हैकि तुम रै नि सकणा छौ,
अर अफ थै कुल जन सेवक बथाणा छौ।
तुम त नेता जी धन्य छौ!
जै कामा ज्ञान नि वेमा फुन्यानाथ व्है जाणा छौ,
तभी त जख जाणा वखि चुकापट कै जाणा छौ,
कबि जै देखी खार खैकि सिंग पल्याणा रौ,
आज वेकी घुग्या बैठी वेथै खूब पुल्याणा छौ।
तुम त नेता जी धन्य छौ!
कुई फैल लेकि आणू सट हैका तरफ सरकाणा छौ,
फैल अग्ने सरकाण से पैली वे थै बी पिलचाणा छौ,
तुमरु ज्यूँ बोनु च त मौर्या म्वाड़ थै भी पिंसन खवाणा छौ,
जख गौ नि आणि वख ज्यूँदो थै बी मोर्या बताणा छौ।
तुम त नेता जी धन्य छौ!
भै थै भै का खिलाफ पिलचाई भयात बिगाणा छौ,
नौनो का हाथों बुबा कु मुंड कपाल फुड़ाणा छौ,
उल्टै पल्टै की गौ का गौ खाली कैरी छट्याणा छौ,
चुनौ देखी फिरि ऐंग्यो अब क्या तुम यख खड्याणा छौ!
हे जनता तुम बी धन्य छौ!
सीधा सैणा बाटो छोड़ी यू नेतो पैथर बाटू खुज्याणा छौ,
अफ त लग्या ही छौ यूका पैथर हौर्यू थै बी बिरड़ाणा छौ,
अपणा त तुम यू पिछनै जलड़ा जमाणा छौ,
अर हैका की एक छोड़ बटी मवसी घाम लगाणा छौ।
अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
9716959339
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