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Main Kavee Hoon Ki Kavi Hoon मैं कवी हूँ कि कवि हूँ

Main Kavee Hoon Ki Kavi Hoon मैं कवी हूँ  कि कवि हूँ

मैं कवी हूँ  कि कवि हूँ


मैं कवी हूँ
कि कवि हूँ
कभी हूँ
कि नहीं हूँ
घस्यारा है
या कलमकार
किसको चाहिए
जय -जयकार !
बदलोगे समाज को?
या पहनोगे हार !
ढोल -नगाड़े बजा रहे हो
लिखना कब सीखोगे यार ?


सर्वाधिकार सुरक्षित  राजेन्द्र सिंह रावत©

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