कुछ दोहे
1-बहुतेरे पग खींचते, दूजा बढ़ता देख |सागर कहिए क्या भला, एेसी जड़ता देख ||
2-मोदी के कायल हुये,सकल जगत के देश |
भारत का भाने लगा, सबको ही परिवेश ||
3-सकल जगत में हो रहा, भारत का जयगान |
मोदी पर अब हो रहा, सबको ही अभिमान ||
4-बहुतेरे नेता हुये,मोदी सा ना कोय |
भारत माँ के पग सदा, श्रमवारि से धोय ||
सर्वाधिकार सुरक्षित डा. विद्यासागर कापड़ी
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