खुदे ना माँजी तु मीन बग्वाल्युं मा नी आंण। सबसे बडु त्योहार उरयुं मीन लाम मा जांण। बैरी त्वाक लग्युं च आंण कुन ये छाल। त्यार दुध क सौं छन मांजी मीं बंणी जौलु वैकुन काल। पोच पिट्ठु कमर कस्युं कांध मा …
कलम को शब्दो की भूख शब्दो को अहसास की भूख अहसास को आधार की भूख आधार को सम्मान की भूख भूख -भूख -भूख कभी न मिटने वाली भूख तन को चाहत की भूख चाहत को समर्पण की भूख समर्पण को रिश्तो की भूख भूख-भूख-भूख कभी…
बरखा बत्वांणी से भुला तु डैरी ना दुश्मनु की गोली से पिछने तु ह्वैई ना। मट्यल ह्वै जा भले जिकुड़ी पिछने तु देखी ना गढवाल की शान छे तु बैर्युं तै तु छोड़ी ना। तोप टैंक बैर्युं क तु कुणज सी तोड़ी दे बंकर ब…
जी तो करता है ऐ कायर पाकिस्तान, आज तेरा इतिहास लिख दू। रज में मिला तुझे कही ऐसा न हो, खगोल भूगोल तेरा मैं बदल दू। बस अपनी खुशकिस्मती समझ तू, कि मैं भारत जैसे शांतिप्रिय देश से हूँ। नही तो सच कहता हूँ…
चलो वर्षभर में एक बार ही सही, आपने मुझे याद तो कर लेते हैं। साल भर से सोए लोग भी, दो शब्द मेरे लिए बोल लेते हैं। सदियों से बेसुध पड़ी मैं, वर्ष भर में एक बार उबासी भर। लेती हूं हमें हिंदी ही तो हूं, …
महादेवी वर्मा (२६ मार्च १९०७ — ११ सितंबर १९८७) महादेवी वर्मा आँसू का मोल न लूँगी मैं ! यह क्षण क्या ? द्रुत मेरा स्पंदन ; यह रज क्या ? नव मेरा मृदु तन ; यह जग क्या ? लघु मेरा दर्पण ; प्रिय तुम क्या …
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