चला गैरसैण हिटा गैरसैण
बतावा दगड्यों आण कैन कैन
मी भी हिटु तुम भी हिटा
पहाड़ो मा कारा अब अपणु रैण सैण
चला गैरसैण हिटा गैरसैण
बोला दगड्यों आण कैन कैन
चकबन्दी होली त दगड्यों
एक ही साम बुते जालु मर्च मुंगरी दैण
चला गैरसैण हिटा गैरसैण
बोला भै बंधु पौछण कैन कैन
आज हथ खुटा हिलैली
ऐथर तभी ठाठ से रैण
चला गैरसैण हिटा गैरसैण
बोला दगड्यों वक़्त निकलण कैन कैन
पहाड़ तेरु भी पहाड़ मेरु भी
चकबन्दी कु समर्थन सदा करदी रैण
अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
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