वक़्त भी बड़ा अज़ीब होता है, इसका मिलना कहाँ सबके नसीब होता है। जिसे क़द्र नही वक़्त की, उसके पास वक़्त ही वक़्त होता है। वक़्त का एहसास जिसे होता है, उम्रभर वक़्त के लिए वो रोता है। वक़्त कैसा भी हो अच्छा या …
आरक्षण आरक्षण इस चार एक छोटे से शब्द ने देश में आज भी भेद-भाव का माहौल बनाया हुआ है, इस स्थिति पर कुछ लाइन पेश कर रहा हु आशा करता हु इस कविता को गलत दिशा की ओर नही मोड़ा जायेगा और सभी को पसंद आएगी। मै…
मैं लिखता नही कलम चल जाती है शब्द बनाता नही अक्षर जुड़ जाते है कोशिश करता हूँ बहुत कुछ लिखने की ख़याल मुझे मेरे पहाड़ो की ओर ले जाते है राह कोई भी क्यों न देखु लेकिन रास्ते पहाड़ो में ही निकल आते है चाह …
खुदेड़ डाँडी काँठी या खुदेणी आज अपणो की आस मा कख होला मेरा अपणा कुई नि दिखेणु च पास मा बांजी पुंगड़ी खौंदार कूड़ी देखदा रुंदा यु पहाड़ो थै कीला ज्यूड़ा रमदा यख गोर-बछर…
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