नजरबंद इश्क
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मेरी नजर तेरी बंद खिड़की से हुई।![Nazaband Ishq नजरबंद इश्क Nazaband Ishq नजरबंद इश्क](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEitOpLdLRz2nQO8GSogvPscvqicgOgKXOwgeAIIHxXw9Xk8FUlE6idLXof7Ei7Hv9PnolDRMecbChn7dCUUlwAbO6qNVQOj_Z5IDTIsG7Y_BJNIeeQNobAMuGWZQIG9RoHb-94BvI4qgt8/s400/Nazarband+Ishq.gif)
उदासी में तुझको देखा,
रूवाइयां चेहरे कैसी नाजुक सी हुई।
मेरी नजर तेरी-----
हंसी झलक तेरे चेहरे की,
पाने को दिल में सुगबुगाहट सी हुई।
मेरी नजर तेरी-----
ख्वाबों में जब से जी रहा,
उलझनों को खुद कसमकश सी हुई।
मेरी नजर तेरी------
जब भी गुजरा तेरे शहर से,
मुलाकात को मन में पशोपेश सी हुई।
मेरी नजर तेरी-------
आइने से मैं बात करता,
दिल को आइने से नफ़रत सी हुई।
मेरी नजर तेरी--------
सुनील सिंधवाल "रोशन"(स्वरचित)
गजल संग्रह "तकल्लुफ इश्क"
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