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Andhkar Shesh Hai अन्धकार शेष है

अन्धकार शेष है..........

अन्धकार शेष है,
Andhkar Shesh Hai अन्धकार शेष हैदु:खी अभी नरेश है।
साँझ थी ढली नहीं,
व्यथा अभी टली नहीं।।

रोकिये कदम अभी,
टालना है तम अभी।
रोग है बड़ा सुनो,
कही बातों को गुनो।।

घर में ही रहें सभी,
उपाय ये विशेष है।
अन्धकार शेष है,
दु:खी अभी नरेश है ।।

पग निकल गये अभी,
होंगे रोग में सभी ।
मौत को यूँ रोकिये,
मन को सब रोकिये ।।

मौत सामने खड़ी,
तबाही होगी बड़ी।
धरा व्यथा में घिरी,
कर रहे क्यूं किरकिरी।।

कह दो रोग से अभी,
एक हिंद देश है ।
अन्धकार शेष है,
दु:खी अभी नरेश है ।।

रोज मौत बाँटते,
जो हैं द्वार लाँघते ।
राष्ट्र भक्त है वही,
माने बात जो कही ।।

घर में भक्ति कीजिए,
उर में ही सुरेश है ।
अन्धकार शेष है,
दु:खी अभी नरेश है ।।

        घर में रहिये
 बचाईये और बचिये ।।

©डा० विद्यासागर कापड़ी
          सर्वाधिकार सुरक्षित

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