नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं कि आज 10 अप्रैल 2020 को उत्तराखंड के लोगों ने पहाड़ी अनाज
दिवस मनाया जिसमें अपने-अपने पहाड़ी खाने को बनाया और सोशल मीडिया पर इसका काफी अच्छा प्रचार
प्रसार भी किया है और इसी कड़ी में हमने भी अपने घर में पहाड़ी भोजन बनाया था। हमने खौक बनाया था लेकिन
काफी लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है तो मेरा आज का यह ब्लॉग लिखने का कारण यही है कि इसके बारे में
मैं आप लोगों को जानकारी दे पाऊं की थोक क्या होता है। तो आइए चलते हैं दोस्तों एक बात और कहना चाहूंगा कि
यदि आप चाहते हैं कि और भी इसी तरह की जानकारी आप तक हम पहुंचाते रहे तो आप हमारे इस ब्लॉग को जरूर
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से भी इसके बारे में जानकारी देना शुरू करेंगे और गढ़वाली, कुमाऊनी, हिंदी और जौनसारी आदि भाषा की कविताएं
लेख आदि के लिए आप हमारे ब्लॉग से हमेशा हमारे साथ जुड़ सकते हैं पहाड़ी सामान जैसे कि पहाड़ी नथ हो गई गुलो
बंद हो गया इस तरह की चीजें आप जो है हमारी वेबसाइट से ले सकते हैं।जानकर थोड़ा अजीब भी लगा कि काफी लोगों
को मालूम नहीं है कि खौक क्या होता है, और बहुत से लोगों ने मुझे मैसेज में पूछा, कमैंट्स में पूछा और मेरे को व्हाट्सएप के
द्वारा भी आप लोगों के मैसेज आए कि काफीलोग आपसे भी पूछ रहे हैं आपने शायद मेरी पोस्ट को शेयर किया होगा या मेरे
मैसेज को आप लोगों ने आगे शेयर किया होगा तो इस वजह से आपके पास बहुत सारे सवाल आए होंगे, उन्हीं सब सवालों का मैं जवाब ब्लॉग द्वारा दे रहा हूं जो कि अभी मैं आपके सामने यह प्रेषित कर रहा हूं किस तरह से खौक
बनाया जाता है, और क्या होता है। पहले जब हम गांव में होते थे तो उस टाइम पर यह बनाया जाता था, अब यह विलुप्त हो रहा है। काफी लोग इन चीजों में रुचि नहीं लेते हैं, शायद इसके बारे में जानकारी नहीं है यह भी एक कारण हो सकता है। आप मेरे ब्लॉग पर कौणी, चीणा, झंगोरा, रागी आदि अन्य वनस्पति के बारे में भी जान सकते हैं। खौक उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में सुबह के नाश्ते में परोसा जाता था,
आपको थोड़ा अजीब लगेगा कि यह जो खाया जाता था मीठा होने के बाद भी प्याज और रोटी के साथ खाया जाता था। यह काफी हैवी खाना होता है और आप जानते ही हैं कि हमारे पहाड़ों में तो आज के समय में भी सुबह का नाश्ता अभी हैवी रहता है भले ही दिन में ना खाए लेकिन सुबह और शाम का नाश्ता हमेशा हैवी रहता है। बुजुर्ग आज भी कहते हैं कि रात को भूखे नहीं सोना चाहिए चाहे थोड़ा ही लेकिन खाना खा कर ही सोना चाहिए, और ऐसा ही सुबह के लिए भी बोला जाता है कि सुबह आप पेट भर के खा लो उसके बाद आप कहीं भी रहो शाम तक पूरे दिन भर आप भूखे भी रह सकते हो, अगर सुबह आपने पेट भर कर खाना खा लिया तो। यह बात अलग है कि आज हम बदल गए हैं नाश्ता हल्का कर दिया है दोपहर से लेकर शाम तक हम बाहर का खाना खूब आनंद ले कर खाते हैं, और फिर रात का खाना छोड़ देते हैं। सुबह और रात को हम डाइटिंग कर लेते लेकिन बाहर होते तो हम बाहर खा लेते हैं और ज्यादातर हम चाइनीस फूड पर ही केंद्रित होते हैं। तो चलिए अब मैं आपको बताता हूं कि खौक किस तरह से बनाया जाता है तो जानते हैं बनाने की विधि क्या है इसको कम से कम 6 से 8 घंटे के लिए जो चावल है उन्हें पहले भिगोया जाता है, फिर इसे ओखली में कूटा जाता है, अब शहरों में ओखली तो मिलेगी नहीं इसलिए हमने ओखली की जगह सिलबट्टा का उपयोग किया क्योंकि इसे हल्का दरदरा रखना होता है। इसे देसी घी के साथ मिलाया जाता है और इसको इसको सूखा ही भूना जाता है हल्का ब्राउन होने तक। फिर इसके साथ ही एक और काम करना होता है, और वह है हमें गुड़ का पानी तैयार करना होता है
जैसे कि आपने देखा होगा जलेबी के लिए चीनी का बनाया जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि यह गाढ़ा नहीं होना चाहिए यह सिर्फ मिठास के लिए ही बनाया जाता है। अच्छे स्वाद के लिए ऑफिस में सौंफ इलायची इसमें मिक्स कर सकते हैं। पहले यह सब नहीं मिलाया जाता था साधारण ही बनाया जाता था। और फिर उसमें गुड़ का जो पानी हमने बनाया था उसे इस में मिला दिया जाता है। और अब तैयार हैं आपके सामने खौक। अब आप इसको सर्व कर सकते हैं इसे आप गार्निस भी कर सकते हैं ड्राई फ्रूट के साथ। आप चाहे देसी घी या तेल का इस्तेमाल कर सकते है। ऐसा जरूरी नहीं लेकिन देसी घी के साथ ही बनाना है लेकिन आपको पता है देसी घी का स्वाद ही अलग होता है। तो यह थी पूरी जानकारी खौक किस तरह से बनाया जाता है और क्या होता है?
आशा करता हूं कि आप ने भी अपने घर में कुछ ना कुछ पहाड़ी खाना बनाया होगा और उसे खाया होगा।
एक जरूरी जानकारी और आपको देना चाहूंगा दोस्तों बल्कि मेरी माँ ने स्वयं ही बोलकर टाइप किया है अगर आप भी जानना चाहते है यह कैसे होता है तो आप
कमेंट कीजिये हम इसकी विडियो बनाकर आपको अपने यूट्यूब चैनल पर दिखाएंगे।
अनोप सिंह नेगी
97169 59339
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