Top Header Ad

Banner 6

Kanha ab Barsat Hai yaha Nain Hamare कान्हा अब बरसत हैं यहां नैन हमारे

कान्हा...............


Kanha ab Barsat Hai yaha Nain Hamare कान्हा अब बरसत हैं यहां नैन हमारेकान्हा ।अब बरसत हैं यहां नैन हमारे ।

काहे ,दे गये छलिया झूठी आशा।
नित दरश की बढ़ती जाये पिपासा।।

कह दे हमको, छोड़ा किसके सहारे ।
कान्हा अब बरसत हैं यहां नैन हमारे ।।

अब यहां,कौन सुनाये मुरली की धुन ।
यहां नित ताने देते सब ही चुन-चुन ।।

कह दे किसन,हम किसको यहां पुकारैं ।
कान्हा अब बरसत हैं यहां नैन हमारे ।।

यहां मौन हैं गउयें व मौन ग्वाल हैं ।
सब नयनों के अब यहां भरे ताल हैं ।।

कह जा हम यहां कैसे तुझे बिसारैं ।
कान्हा अब बरसत हैं यहां नैन हमारे ।।


©डा०विद्यासागर कापड़ी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ