कोरोना जागरूकता
----- किस्त--1-----
देशी परदेसी
घौर-गौं जु औंणा,
पैलि
जांच अपड़ि करावा!
अपडि माटी-थाति का
भै-बंधो मा,
बीमारी ना फैलावा।
घौर-गौं जु औंणा,
पैलि
जांच अपड़ि करावा!
अपडि माटी-थाति का
भै-बंधो मा,
बीमारी ना फैलावा।
देश बिटि जब
घौर-गौं ऐगिन,
सबसे पैलि न्हयौंण,
खांसी-जुकाम अर बुखार
जूं मनख्यूं
सि डाक्टर मा पौंछौंण।
घौर-गौं ऐगिन,
सबसे पैलि न्हयौंण,
खांसी-जुकाम अर बुखार
जूं मनख्यूं
सि डाक्टर मा पौंछौंण।
हर यन लक्षण
जैमा दिखेंदा,
कोरोना त नी होलू?
ना,चिंता-फिकर कन
नी सरमाणू !
अस्पताळ चलि जांणू।
जैमा दिखेंदा,
कोरोना त नी होलू?
ना,चिंता-फिकर कन
नी सरमाणू !
अस्पताळ चलि जांणू।
खांदि-पेंदि ,
उठदि-बैठदि दौं,
सेनिटाइजर लगावा,
जथ्या बगत भी ह्वे
सकदू त
हाथ सबुका धुलावा।
उठदि-बैठदि दौं,
सेनिटाइजर लगावा,
जथ्या बगत भी ह्वे
सकदू त
हाथ सबुका धुलावा।
ब्यौ-बराती,
अर बर्थडे पार्टी,
भीड़ मा ना क्वच्यावा,
आलतू-फालतू, सैर-बजारु,
कुछ दिनों,
आणु-जांणू छोड़ी जावा।
अर बर्थडे पार्टी,
भीड़ मा ना क्वच्यावा,
आलतू-फालतू, सैर-बजारु,
कुछ दिनों,
आणु-जांणू छोड़ी जावा।
भेंटण भी नी अर,
हाथ नि मिलाणू!
नजीक सुदि,
कैका भी नी जांणू,
हाथ नि मिलाणू!
नजीक सुदि,
कैका भी नी जांणू,
जख तख थूकण,
नाक सिकन्न,
अर
खाँसदि दौं,रखा ध्यान,
रूमाल अपड़ि खीसी बै गाडी
गिच्ची पर टप्प लांण।
नाक सिकन्न,
अर
खाँसदि दौं,रखा ध्यान,
रूमाल अपड़ि खीसी बै गाडी
गिच्ची पर टप्प लांण।
बीमारी का जाळ मा,
दुनिया फंसी च,
मनखि लग्यां,
सुद्दि मन्न पर,
थोड़ा सजग,
सतर्क रैक सबि
लग्यां रौला कुछ कन्न पर।
दुनिया फंसी च,
मनखि लग्यां,
सुद्दि मन्न पर,
थोड़ा सजग,
सतर्क रैक सबि
लग्यां रौला कुछ कन्न पर।
एकमुट्ठ सोचि ,
बिचारि हमुन अब,
मन मा ठांणी द्यौंण,
साफ सफै करी,
जागरूक रैक
कोरोना हरौंण
बिचारि हमुन अब,
मन मा ठांणी द्यौंण,
साफ सफै करी,
जागरूक रैक
कोरोना हरौंण
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----- किस्त--2-----
"जु दिन रात जतन करीलग्यां कोरोना हरौण मा
तौंकी मैनत सि,खारू बणौणा
जु बेमतलब घौर बै भेर औणा"
----- किस्त--3-----
तु तखि रौ
मैं यखि छूं
नाता रिश्ता
माया पिरेम
बाद मा सुखिळा
दिनों मा निभौला
चल दगड्या
कुछ दिनों टुप्प-टप्प
अपडाअपडा भितरै रौला
चला ईं जंग मा,
सरकारों साथ निभौला,
कोरोना तै हरोला
चला कोरोना तै हरोला
मैं यखि छूं
नाता रिश्ता
माया पिरेम
बाद मा सुखिळा
दिनों मा निभौला
चल दगड्या
कुछ दिनों टुप्प-टप्प
अपडाअपडा भितरै रौला
चला ईं जंग मा,
सरकारों साथ निभौला,
कोरोना तै हरोला
चला कोरोना तै हरोला
----- किस्त-4----
माना!दम त भौत घुट्यण लग्यूं,हम सबुकु ईं ब्यवस्था मा,
-----पर !
सरकार भी त मजबूर ह्वयीं,
आज कोरोनै ईं अवस्था मा।
जु भी निर्णय ह्वोंण लग्यां,
तौंमा जनहित ही सर्वोपरि च,
ईं पिडांदि घड़ी मा सैरी दुन्यां,
कोरोना से बिजां डरीं च!
तौंमा जनहित ही सर्वोपरि च,
ईं पिडांदि घड़ी मा सैरी दुन्यां,
कोरोना से बिजां डरीं च!
इटली चीन जन देशों मा
मरदा मनखि 'थम्यें नी थम्यैंणा'
तैंईं दिशा मा जाण से बचणौं,
हम किलै नी समझणां ?
मरदा मनखि 'थम्यें नी थम्यैंणा'
तैंईं दिशा मा जाण से बचणौं,
हम किलै नी समझणां ?
----- किस्त-5---
भौत जरूरी इमरजेंसी ह्वोंदि,डेळि बे खुटि भैर तबे धन्नी,
नतरि संकल्प प्रण करि द्या!
होरू भी ईं बात समझे जा,
बस!
कुछ दिनों खै द्या, खैरि,
तभी हारलू कोरोना बैरी।
-----किस्त -6-----
"चै हम स्वस्थ छां
चलण फिरण मा
मस्त छां
तब भी
सतर्क सजग रावा
कोरोना से बचणा
खातिर
आजकल सबुसे
दूरी बणांवा।
चलण फिरण मा
मस्त छां
तब भी
सतर्क सजग रावा
कोरोना से बचणा
खातिर
आजकल सबुसे
दूरी बणांवा।
--- किस्त-7---
'कूड़ि पर कांड़ा लगण'से पैलि
'चौद करम ह्वोण'
से पैलि
कैका 'भकळौंण मा बिरड्न्न'
से पैलि
कोरोना बीमारी का डसण
से पैलि,
'मवासी घाम लगण'
से पैलि
टैम पर लाॅग डाउन ह्वे जा,
चुचौ समझि जा !
अर!
अफु दगडि अपड़ौं तै भी बचा
---अश्विनी गौड़ ---दानकोट अगस्त्यमुनि ----
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