जौं आंखियों मा आज,
अंगरों की आस अंगरली,
स्वाणा-सुखिला-सुपिन्या बणी
तों भविष्या मा भोळ,
विधाता भलु भाग बाँटली,
आँखा बुझी अंजूळी भरी।
शुप्रभात दगड़ियों
विक्रम शाह(विक्की)
अंगरों की आस अंगरली,
स्वाणा-सुखिला-सुपिन्या बणी
तों भविष्या मा भोळ,
विधाता भलु भाग बाँटली,
आँखा बुझी अंजूळी भरी।
शुप्रभात दगड़ियों
विक्रम शाह(विक्की)
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