ह्यूंद   का   बाद ही ओन्दु
बसन्त फूल पातियों
बर्खा बर्खि ही। ओन्दु
मोळियार डाळि बुर्दियों
धाक राख धाफना यखुली अंध्यारा मा
जोन लुकदी सारा दिन
रात अंध्यारी चम्कुणा
धैर्य राख.....................।
🌹🌹सुप्रभात🌹🌹
कवि-विक्रम शाह (विक्की)
बसन्त फूल पातियों
बर्खा बर्खि ही। ओन्दु
मोळियार डाळि बुर्दियों
धाक राख धाफना यखुली अंध्यारा मा
जोन लुकदी सारा दिन
रात अंध्यारी चम्कुणा
धैर्य राख.....................।
🌹🌹सुप्रभात🌹🌹
कवि-विक्रम शाह (विक्की)
 



 
 संदेश
संदेश
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
0 टिप्पणियाँ
यदि आप इस पोस्ट के बारे में अधिक जानकारी रखते है या इस पोस्ट में कोई त्रुटि है तो आप हमसे सम्पर्क कर सकते है khudedandikanthi@gmail.com या 8700377026