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Ajuki Maya अजुकी माया

नमस्कार मित्रों.... 07/07/17
सबका भला करे भगवान, सबका सबविधी हो कल्याण..
          "अजुकी माया"
कबर्यों ना ज्यू बी मरण प्वड़दू दिदौं
सची ना बच्चों बान्यौं,
क्य क्या नी कन प्वड़दू भयौं।
मेरी बी द्वी ब्यटुली छन,
म्यरा जीबन मा रौनक छन।
मेरी पराणी छन द्वीई,
मेरी ज्यू जान छन द्वीई।

बच्चों छोड़ी बच्चों बान्यौं,
जब परदेश जांदु,
मुखड़ी देखी, बच्चों जनैं
पापी पराण टपरांदु,
गौला भ्वरैई ऐ जांदू,
जिकुड़ी झर्र झर्र झुरांदु,
परदेशौं मा भैर लुखौं देखी,
अपड़ु दिल तैं बुथ्यांदु
अर अफु तैं अफीकी समझांदु..
कि मी क्या "अजुकी" छौं?

सौब यनी म्यरा जनी अपड़ा अपड़ा बच्चों तैं,
ज्यू जान से च्हांदा होला।
सौब यनी म्यरा जनी बच्चों खातिर फिरड़ा फिरड़ी,
सुख चैन खुज्यांदा होला।
दुख तकलीफ ऊठांदा होला,
मी जन सुपन्या गठ्यांदा होला।
अर हमरा ब्वै बुबौं न बी त हमतैं यनु कै ही सैंती पाली होलु ।।

स्वरचित/**सुनील भट्ट
0707/17

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