आज दैणी व्हैगी सि गिच्ची,
जौ गिच्योल गाली दी छकैकि,
जिकुड़ियुं सेली पोड़ि व्हैलि तौकि,
जौकि गाल्युल बांजी कयेलि पुंगड़ी गौ की।
आज दैणी व्हैगी सि गिच्ची,
जौल निपल्टु कायी स्वारा भयो की,
आज तरसदि त व्हैलि जिकुड़ि तौकि,
जौल निपल्टु कायी कतगो की।
आज दैणी व्हैगी सि गिच्ची,
यकुला पोड्या लोगु कुड़ी खौंदार कैकि,
हेरणि त व्हैलि बाटू टपरांदी आँखि तौकि,
कैमा लगौ आस सास अपणा सुख दुःखो की।
निर्जड़ी लगै जौल अपणा परयो की,
फिटकार मारी घात घाली की,
निर्जड़ी लगैयाली सर्या गौ गुठ्यारो की।
आज दैणी व्हैगी सि गिच्ची,
लोगु गौड़ी भैस्युं भ्यालुन्द फरकै की,
आज बैठ्या छी जोगी बणी की,
हौर्यु की छान्यो कण्डे कण्डे की।
आज दैणी व्हैगी सि गिच्ची,
तौ देवतो घत्ये-घत्ये की,
येकु बुरु हैक बुरु बुरु कै कैकि,
अलोप कैयलि देवता फिटकारी की।
अब किलै छै रुणि टोप दे देकि,
वैदिन धौ नि खै जरसी गाली दे दे की,
अब त खुश व्हैगे व्हैलि,
अपणी गाल्यु थै पनपै की।
अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
9716959339
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