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Yaden Wafa ki Ek Ghazal यादें वफा की एक ग़ज़ल

गजल यादें वफा की

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खुशियों की  कीमत देर  नहीं ठहरती।
अश्कों की वफा ही बस याद दिलाती।

Yaden Wafa ki Ek Ghazal यादें वफा की एक ग़ज़ल कागज में आंसुओं की स्याही से,
तेरी यादें मैंने बस खत में लिख दी।
दूर से   कसक  बस  धड़कन  कहती।
अश्कों की वफा ही बस याद दिलाती।।

खत लिखा यादों की तड़पन का,
दिल का मजलूम तू भांप न सकी।
इस शहर बस उलफत की यादें बसती।
अश्कों की  वफा ही बस याद दिलाती।।

सिरहाने अश्कों से  इबादत कर,
तकिये से  दिल की  बात कह दी।
आंसु मन धीर कर  मिलने को कहती।
अश्कों की वफा ही बस याद दिलाती।।

घड़ी घड़ी  नींद से जगती रातें,
नींद का साया करवट ही समझती।
कहानी अब चादर की सिलवट कहती
अश्कों की वफा ही  बस याद दिलाती।।

सुनील सिंधवाल "रोशन" (स्वरचित)
     गजल संग्रह "तकल्लुफ इश्क"

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