शीर्षक- "सबसे पहले इंसान बनों"
.स्कूल में जाओ तो, पूरी पढ़ाई करो,
स्कूल से भगाने पर, ध्यान मत धरो,
माता-पिता, बड़ी मुश्किलों से पढ़ाते तुम्हें,
पूरी शिक्षा पाकर, माता-पिता के दुख हरो,
माता-पिता के समक्ष, मत अपनी शिक्षा का अभिमान करो,
जो बनना है जीवन में बाद में बनना, सबसे पहले इंसान बनो,
.
स्कूल से निकलकर विश्वविद्यालय में जाओ,
तो खूब पढ़ाई करके, अच्छे नम्बर भी लाओ,
अब आप बच्चे नही रहें, जवान हो गए हो मेरे यारों,
पढ़ाई के लिये अब तो, माँ-बाप की डाँट मत खाओ,
जिन माता-पिता ने आपको पढ़ाया, उनकी पहचान बनो,
आवारा बनना बड़ा आसान है, सबसे पहले इंसान बनो,
.
विश्वविद्यालय पास करके अब आप, रोजगार ढूँढेंगे,
कुछ लोग खुद ढूँढ लेंगे, कुछ लोग माँ-बाप से पूछेंगे,
कुछ को प्राइवेट नौकरी मिलेगी, कुछ को सरकारी,
ओर कुछ लोग, अपने खुद के व्यापार में ही रहेंगे,
खुदा के अलाव कोई ना मिटा सकें, ऐसी मजबूत शान बनों,
अपने हर काम में ईमानदारी लाकर, सबसे पहले इंसान बनों,
.
नौकरी के कुछ साल बाद, माता-पिता आपके लिए बीबी लाएंगे,
बूढ़े हो चुके माता-पिता बहू लाकर, बड़ी खुशी ओर सुकून पाएंगे,
जिनके बेटे-बहूएं मरते दम तक माता-पिता को खुश रखें तो सौभाग्य उनका,
जिनके बेटे-बहूएं उनको छोड़ दें, वो माता-पिता जीवन में दुख व धोखे खाएंगे,
बुढापे में माता-पिता की लाठी बनकर, उनके जीवन के लिए वरदान बनों,
कल को आपने ने भी बूढ़ा होना है, ये सोचकर ही सबसे पहले इंसान बनों.
.
कवि- सतीश सिंह बिष्ट "पहाड़ी"
ग्राम-नैखाणा, (नैनीडांडा, धुमाकोट),
जिला- पौड़ी गढ़वाल,
राज्य- उत्तराखंड,
मोबाइल- 9971105748
2 टिप्पणियाँ
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंhttps://insanbano.blogspot.com/2021/07/blog-post.html
जवाब देंहटाएंइसे भी पढ़े
यदि आप इस पोस्ट के बारे में अधिक जानकारी रखते है या इस पोस्ट में कोई त्रुटि है तो आप हमसे सम्पर्क कर सकते है khudedandikanthi@gmail.com या 8700377026