Top Header Ad

Banner 6

Fagune Katimati फागुणैं कतिमति

फागुणैं कतिमति
==========


फागुंण  बौड़ी  बणिंठणिं  ऐगी  चौमास।
रंगौंमा  रंगमत  ज्युकुड़ि ह्वैगी  मौल्यार।
Fagune Katimati फागुणैं कतिमति

डाळा   बौटळा   टुख   टुखौं  कौल्यैग्यां।
सौर करि  सारी  पुंगड़ा  बीठा मौलिग्यां।

गाड  गधैरूं  बानिबानि  फूल  खिलग्यां।
कुल्यैं पंय्यां  सैमळ  सभि  बणौं बौरेंग्यां।

जीव  मंख्खियौंमा  भरपूरि  आस  ह्वैयी।
गग्डांदु  शरीलमा  फिर फुरि  फुरि  ह्वैयी।

प्वथ्लौं पैमास ह्वयुं कखि मंख्यु किब्लाट।
झाड़ियौंमा ल्वीरा सिंटुला करियुं चुंच्याट।

साटि की बुवैमा  ढिक्कों की  कच्मताळी।
सारयोंमा खांणै रवौटि बल्दों की घंडोळी।

लैंय्या झपौड़ी दीदी भुली खौळा खतपत।
बल्दौं सींग ग्यूं  बूतणैं लगीं  सबूंतैं रटमत।


 सुनील सिंधवाल "रोशन" (स्वरचित)
   काव्य संग्रह "अपणिं जनिं लग्णिं"

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ