चकबंदी जागर
जागी जावा बीजी जावा,करी द्यावा चकबंदी।जुग-जुग गुणगान होलो,शिवभूमी का नंदी।
मशाल जगणीं गरीब-क्रान्ति,अब होलू संगराम।
भूमि का रागस माफिया,होलू काम तमाम।
धरती माँ परसन्न होली,सजी जालो आँचल।
नौ रंग अंगिया होलू,चकबंदी बसतर।
बीर भड़ू की भूमी देवों,चकबंदी रटन।
तब होलू बिकास देवों,कुछ करा जतन।
पाड़े की जवानी देवों,पाड़ थान होली।
ह्यूंचुळ्यूँ को पाणी रौलो,अपड़ी रोली बौली।
मील-द्वी मीला होला देवों,सेबू कू बग्वान।
पूरू चैक एक माधो को,सोनो रंगो कू धान।
बीस नाळी खिलला देवों,सुर्जमुखी गेंदा।
दस खारी का सेरा होलू,बल बसन्ती राडू।
चौ दिशों मा गूँज होली,चकबंदी की बात।
अपड़ा होला सुर्ज-चन्दा,अपड़ा दिन रात।
अब होलो सैरू बग्वान,एक भड़ माधो कू।
होला उत्तराखण्ड देवों,गौं-गौं मा मलेथा।
रतब्याणी को सुपिन्यू देवों,होई जालू पूरो,
सुखी-संपन्न होला अब,घर-घर मूलूक।
बाँजी पुंगड़ी चल्दी होली,थमी जालो गमन,
चकबंदी हमारो सारो,करी द्यावा मनन।
आम-अमरुद डाळी,ज्वान होंण लैगीन,
तरुणी ह्वैगैनि तेरी,ग्यूं जौ की या बाळी।
बाँधी ल्यावा चीर तुम,धरदी माँ दुरपदा,
बणी जावा मोहन मुरारी,कुरुक्षेतर चकबंदी।
अपडू होलू मुल्क बन्धों,अपड़ी होली रीत।
घर-घर गुंजावा तुम,चकबंदी का गीत।
डाँडी-काँठी सजी जाली,चकबंदी का रंग।
दाळ-भुज्जी अपार होली,फल-फूलू का संग।
गाड-गदनी बूती ल्यावा,आस की फसल।
चकबंदी कसल हमारो,चकबंदी फसल।
रजदी जाली फबदी जाली,चकबंदी की डाळी।
पितरू को करज उतारा,कमावा ना तुम गाळी।
चकबंदी च आस हमारी,चकबंदी विश्वास।
रोजगार फली फूली जालो,होलू अंध्यारा को नाश।
भगीरथ तुम बणी जावा,भिमसण-हनुमान।
चकबंदी गंगा बगावा,ह्वै जालू अमर नाम।
रणसिंगा बजावा तुम,करी ल्या शंखनाद।
चकबंदी विजय होली,अर हमारू भोळ-आज।
सर्नवाधिकार सुरक्षित नंदन राणा
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