देवियों एवम सज्जनों, आप सभी को सूचित करते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि "खुदेड़ डाँडी काँठी साहित्य एवं कला मंच द्वारा प्रथम उत्तराखण्डी कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें "खुदेड़ डाँड…
मि सतरह साल कु जवान छौ, पर यी ज्वनि मा चिमोड्यो ग्यो बुढ़े ग्यो, कैल इनै झिंझोड़ी कैल उनै झिंझोड़ी, स्वार्थी लोगु ल मिथे खूब करोड़ी। पाणी मेरी पीठि धर्यू पर तिसालु कयु छौ, छैन्द नाज पाता कु भूखु मोरणु छ…
तुम त नेता जी धन्य छौ! जख चुनौ हुणा वख गुर्रो जन रबदोळ्येणा छौ, जनि चुनौ निपटेणा मिंढको जन हर्ची जाणा छौ, चुनौ से पैली त खूब घुंडा मुंडा टेकणा छौ, पर जितणा बाद खुटा भी भया ख्वणी सी धरणा छौ। तुम त नेत…
मेरी दूधा की भदेली हे मेरी दूधा की भदेली खांद म बैठी क्या सोचणी व्हैली! कु आलु चट यखम खै जालु परली। हे मेरी दूधा की भदेली भैर क्या जी देखणी व्हैली! घुण्डी घुस्ये कु ऐ होलु भितनै देली। हे मेरी दूधा की…
आखिर ये क्या हो रहा? कही आगज़नी कही, कही जलमग्न सब हो रहा, सुख -सुविधाओं की तलाश में! वजूद स्वयं अपना मानव खो रहा। आखिर कैसा सुख तू खोज रहा? पैदल चलना तुझे दुःख नही दे रहा न बरसात का मौसम तुझे भिगो रह…
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