हाजिर होऊंगा
हाजिर होऊंगा,समय समय पर
अपनी उपस्थिति,दर्ज कराऊंगा
तुम हर बार मुझे,इग्नोर करना
मै हर बार,बेहतर करके आऊंगा ¶
अपनाना पड़ेगा तुम्हे,मुझे एक दिन
मै बस,कर्म करता जाऊंगा
दिखाऊंगा मै भी हूँ,एक अनमोल रत्न
तुमसे ही वाह कहलाऊंगा ¶
दी नही तवज्जो,जिन्होंने कभी भी
उन्हें कीमत,अपनी बताऊंगा
है नही जगह,दिलों में जिनके
वहां बसेरा,अपना बनाऊंगा ¶
नींदों में आकर,ख्वाब बनूंगा
दिलों दिमाग में,छा जाऊंगा
देखा नही जिन्होंने,कभी प्यार से
उनके लिए,सपना बन जाऊंगा ¶
दूर रहकर भी,पास रहूंगा
माहौल ऐसा,बनाऊंगा
चलेंगें जहां भी,पग तुम्हारे
मै साथ साया,बन के मंडराऊंगा ¶
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कविता ~ सुरेन्द्र सेमवाल
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