हरेला
आ रहा है फिर हरेला,रोप लेना पेड़ को |
रुके न साँसों का मेला, रोप लेना पेड़ को ||
हरित वन ही दे सकेंगे,इस धरा को वात जल,
काट कर तुम वन विटप को,कर गए निज से ही छल |
आ न जाए मृत्यु बेला,रोप लेना पेड़ को |
आ रहा है फिर हरेला ,रोप लेना पेड़ को ||
साँस में बाधा न होगी,व बुझेगी प्यास भी,
टूटती सी फिर जुड़ेगी,इस धरा की आस भी |
अनाज का होगा रेला,रोप लेना पेड़ को |
आ रहा है फिर हरेला,रोप लेना पेड़ को ||
©डाo विद्यासागर कापडी
आ रहा है फिर हरेला,रोप लेना पेड़ को |
रुके न साँसों का मेला, रोप लेना पेड़ को ||
हरित वन ही दे सकेंगे,इस धरा को वात जल,
काट कर तुम वन विटप को,कर गए निज से ही छल |
आ न जाए मृत्यु बेला,रोप लेना पेड़ को |
आ रहा है फिर हरेला ,रोप लेना पेड़ को ||
साँस में बाधा न होगी,व बुझेगी प्यास भी,
टूटती सी फिर जुड़ेगी,इस धरा की आस भी |
अनाज का होगा रेला,रोप लेना पेड़ को |
आ रहा है फिर हरेला,रोप लेना पेड़ को ||
©डाo विद्यासागर कापडी
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