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dadu mi parvato ku vasi दादु मि पर्वतौ कु वासी

दादु मि पर्वतौ  कु वासी ,
खाणुं नि खान्दू मि बासी तीबासी..
हर कैसे बच्यांदु मि हिसाब से ,
ज्यादा नि करदु मि चापलासी ..
मिठ्ठी मेरी बोली भाषा , ,
उत्तराखंड कु छू मि निवासी ..
दादु मि पर्वतौ कु वासी ,
खाणुं नि खान्दू मि बासी तीबासी..

कचर पचर मि पसंद नि करदु ,
यांक वजे से ,सेहत मेरी अच्छी खासी ..
हैंसणु हसाणा कू काम च म्यारु,
देख नि सकदु मि कैका मुख पर उदासी ..
काम काज मा सरम नि करदु ,
बाबू, कलेक्टर या हो चपरासी .
दादु मि पर्वतौ  कु वासी ,
खाणुं नि खान्दू मि बासी तीबासी.
.
अपणा पूर्बजों कु नाम उठानु और बढ़ाणु ,
ये चा मेरी मन्न मा लगीं भारी  गासी  .
देवता बणी की आशीर्वाद द्याला,
हम्म भी रौला सदा ओंका अभिलासी .
काम केरिकी एन्नु दिखाओ ,
कि मिल जाओ जो तुमथें सब  की शाबासी ,
दादु मि पर्वतौ  कु वासी ,
खाणुं नि खान्दू मि बासी तीबासी.
.
सर्वाधिकार सुरक्षित लाल चन्द निराला ...

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