ना सुख जांणी कबी दीदों
रैंदा घाम बरखा बत्वांण्यु मा
जेट की दुफरा मा कबी
कबी सौंण की कुयेडी मा
मन की खैरी पीडा अपंणी
कबी नी जतांदा तुम
सबुळ घंण तसला लेकी
रात दिन मिस्यां तुम
ना बगत पर कबी ध्याडी मिल्दी
सेठ सौकारु की ठगोण्युं मा
रात दिन मेहनत कर्दा
लरका तरकी पसीना मा
रेल लैन मौटर लेन
डाम बड बड बणांदा तुम
उदघाटन मा नेता यैथर
सबसे पिछने रैंदा तुम
मजदुर छे तु मजबुर छै तु
दुख बिपदों की फंची छे
त्वैन क्या जंण ए. सी पंखा
फिर भी देश की शान छे
पढै नी सकदी नौन अपर
हे दीदा तु बडी स्कूलों मा
हत्वड सबुळ गैंती फौळ
कुटुमदरी तै दींदी समळोंण मा
ना छुट्टी ना एतवार
क्या जंण बार त्योहारु की
मजदुर ना मसीहा छ्या तुम
म्यार भारत देश का
ना सुख जांणी कबी दीदों
रैंदा बरखा घाम बत्वांण्यु मा
जेट की दुफरा मा कबी
कबी सौंण की कुयेडी....
मजदुर दिवस पर सभी मजदुर भाईयों को समर्पित @लेख ...सुदेश भट्ट"दगड्या"7534068566
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