क्याच् मैत की खुद?
आखिर क्याच् मैत की खुद?
बेटियो की आस च मैत की खुद,
ब्वारियु कु क्वांसु शरैल च मैत की खुद,
एक हैका का दगड़ आर सार च मैत की खुद।
आखिर क्याच् मैत की खुद?
बणों मा ग्वेर दगड्यो कु दगुड़ च मैत की खुद,
हरी-भरी सारयों मा ठंडी बयार च मैत की खुद,
बचपन का वू दगड्यो की तलाश च मैत की खुद।
आखिर क्याच् मैत की खुद?
स्कुल्या दिनों की याद च मैत की खुद ,
द्वी रोट्यो की तलाश म गौ से बिछड़ोऊ च मैत की खुद,
खौला म्यालो मा चरखी झूलो की झकझोल च मैत की खुद।
आखिर क्याच् मैत की खुद?
थड्या, चौफुला, झुमैलो की साज च मैत की खुद,
औज्यों की ढ़ोल की थाप च मैत की खुद।
देश-प्रदेशो मा खुदेणु "खुदेड़" प्राण च मैत की खुद।
अनोप सिंह नेगी(खुदेड़)
9716959339
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